लखनऊ-आगरा हाईवे पर चकेरी में लापरवाही से हुए भीषण हादसे ने पांच परिवारों की खुशियाँ छीन लीं
हाईवे पर वाहनों के बीच उचित दूरी न बनाकर चलने की गंभीर लापरवाही ने सोमवार को पांच परिवारों की खुशियों को चुराने वाला एक भयानक हादसा घटित किया। यह दुर्घटना तब हुई जब एक ऑल्टो कार, जो आगे चल रहे एक डंपर के बहुत करीब आ गई थी, अचानक डंपर के ब्रेक लगाने पर उसमें जा घुसी। इसके बाद पीछे आ रहे एक सरिया लदे ट्रॉला ने इतनी जोरदार टक्कर मारी कि ऑल्टो कार दोनों बड़े वाहनों के बीच पिचककर एक गठरी में बदल गई।
इस हादसे में पीएसआईटी के चार बीटेक छात्रों और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें दो छात्राएं भी शामिल थीं। इस भीषण दुर्घटना के बाद भौंती हाईवे के पास एलिवेटेड रोड पर कुछ समय के लिए कार सवारों की चीखें सुनाई दीं, लेकिन फिर सब कुछ शांत हो गया। कार की छत और दरवाजे को काटने के लिए 40 मिनट तक कटर का इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद शवों को बाहर निकाला जा सका। डंपर और ट्रॉला के चालकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इस दुर्घटना के कारण हाईवे पर लगभग तीन घंटे तक जाम लगा रहा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार चालक संभवतः आगे चल रहे डंपर को ओवरटेक करने का प्रयास कर रहा था, जिससे वह डंपर के बहुत करीब आ गया था। इसी वजह से डंपर के ब्रेक लगाने पर कार उसमें जा भिड़ी। हालांकि, उस समय गति अधिक न होने के कारण कार और उसमें सवार लोगों को गंभीर नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पीछे आ रहा ट्रॉला उनके लिए काल बन गया। बताया गया है कि ट्रॉला में 70 टन से ज्यादा सरिया लदी थी।
ट्रॉला चालक ने भी ब्रेक लगाया, लेकिन इतना भारी ट्रॉला रुकते-रुकते 70 से 100 मीटर की दूरी तय कर सकता है, जो उस समय नहीं थी। सभी वाहन लगभग 20-25 मीटर की दूरी पर चल रहे थे। नियमानुसार, वाहनों के बीच दूरी 70 से 90 मीटर होनी चाहिए, भले ही गति कम हो।
दुर्घटना में सभी छात्र और चालक चकेरी के सनिगवां रोड के निवासी थे। इनमें स्कूल संचालक राजेश सिंह का बेटा प्रतीक उर्फ अनूप सिंह (20) था, जो पीएसआईटी में इलेक्ट्रॉनिक्स का बीटेक फोर्थ ईयर का छात्र था। प्रतीक सोमवार सुबह अपने सहपाठी बीटेक (डेटा साइंस) थर्ड ईयर के छात्र सतीश सिंह (20), बीटेक (कंप्यूटर साइंस, फर्स्ट ईयर) की छात्रा आयुषी पटेल (18), और बीटेक (कंप्यूटर साइंस, थर्ड ईयर) की छात्रा गरिमा त्रिपाठी (19) के साथ विजय साहू (54) की कार से पीएसआईटी जा रहा था।
कॉलेज से लगभग डेढ़ किलोमीटर पहले चकेरी भौंती एलिवेटेड रोड पर यह हादसा घटित हुआ। प्रत्यक्षदर्शी जुगराजपुर निवासी विश्वास शुक्ला ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद, कार में फंसे चालक विजय साहू और चारों छात्रों की चीखें सुनकर राहगीरों ने किसी तरह डंपर को धकेलकर आगे किया, तब तक पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई। कार में खून से सने बैग और यूनिफार्म देखकर पीएसआईटी प्रबंधन को सूचित किया गया।
इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सिर और सीने में कार के डेशबोर्ड के टकराने से पसलियां चकनाचूर हो गईं और आंतरिक रक्तस्त्राव मौत का कारण बना।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सड़क सुरक्षा और वाहनों के बीच उचित दूरी बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
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