इंदौर में मंदिर टैंपल के स्टेपवेल के छत के गिरने से 35 लोगों की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी


मध्यप्रदेश के इंदौर में बुधवार को एक दर्दनाक घटना घटित हुई जब राम नवमी के अवसर पर बेलेश्वर महादेव मंदिर में स्टेपवेल की छत गिर गई। इस हादसे में कुल 35 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब मंदिर में भारी भीड़ जुटी हुई थी, और छत इस भीड़ को संभाल नहीं पाई।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, इंदौर के कलेक्टर इलयाराजा टी ने पुष्टि की कि "कुल 35 लोगों की मौत हो गई है, एक व्यक्ति लापता है, और 14 लोगों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है। इलाज के बाद दो लोग सुरक्षित अपने घर लौट चुके हैं। लापता व्यक्तियों की तलाश जारी है।" इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें मौके पर पहुंची हैं और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

बेलेश्वर महादेव मंदिर स्नेह नगर में स्थित है, जो इंदौर की सबसे पुरानी आवासीय कॉलोनियों में से एक मानी जाती है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि अगर इंदौर नगर निगम ने स्थानीय निवासियों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों पर समय पर ध्यान दिया होता, तो इस भयानक दुर्घटना को टाला जा सकता था। राम नवमी के दिन, मंदिर में एक हवन समारोह का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें भक्तों ने पूजा अर्चना की।

हालांकि, जिस सीमेंट की स्लैब पर हवन किया जा रहा था, वह अपेक्षाकृत मजबूत नहीं थी और केवल 30-40 लोगों के भार को संभालने में असमर्थ रही। इस स्लैब के गिरने से भक्त लगभग 40 फीट गहरी स्टेपवेल में गिर गए, जिससे भारी जनहानि हुई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को ₹ 5 लाख का मुआवजा और दुर्घटना में घायलों को ₹ 50,000 की सहायता देने की घोषणा की। यह दुर्घटना न केवल स्थानीय समुदाय के लिए एक बड़ा सदमा है, बल्कि यह इस बात की भी याद दिलाती है कि धार्मिक समारोहों के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर की छत की स्थिति लंबे समय से चिंताजनक थी, और उन्होंने इसकी मरम्मत और पुनर्निर्माण की मांग की थी। अगर इन मांगों को समय पर पूरा किया गया होता, तो शायद यह दुखद घटना नहीं होती। इस घटना ने इंदौर की धार्मिक और सामाजिक जीवन में एक गहरा असर डाला है, और लोग इस घटना को लेकर शोक में डूबे हुए हैं।

दुर्घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए राहत कार्य शुरू किया है। प्रशासन ने हादसे में घायल लोगों के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान की है और उन्हें उचित इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया है।

साथ ही, इस घटना के बाद, राज्य सरकार ने सभी मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा जांच की आवश्यकता को महसूस किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सामूहिक धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना कितना जरूरी है। धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भक्तों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

वर्तमान में, लोग अपने प्रियजनों को खोने का शोक मना रहे हैं और इस दुखद घटना से प्रभावित हैं। मंदिर के चारों ओर शोक का माहौल है, और कई लोग अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। यह हादसा एक बार फिर से हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, चाहे हम कितनी भी धार्मिक आस्था रखते हों।

आशा है कि इस दुर्घटना से मिली सीखों को ध्यान में रखते हुए, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे और सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

Posted on: March 31, 2023, 5:48 a.m. | By: aditya